तू यार तू ही दिलदार
तू ही मेरा प्यार
तेरा मेरे दिल
में हैल दरबार
करदे एक बार बेडा पार
मुझे घर बार लगे बेकार
फिरूं मैं बनके तेरा जोग

तू यार तू ही दिलदार
तू ही मेरा प्यार
तेरा मेरे दिल में हैल दरबार
करदे एक बार बेडा पार
मुझे घर बार लगे बेकार
फिरूं मैं बनके तेरा जोग

कहता है दीवान
तेरा ही अफसान
तेरे बिन दुनिया म
क्या खोना क्या पान
आरज़ू है दिल है तू ही त
तेरे संग बना हूँ मलंग
तो सब है दंग

हुई ये दुनिया मुझसे तंग
लाई है उमंग नेक तरंग
बाज मिरदंग तो बदल
धंग फिरूं म
बनके तेरा जोग

तू यार तू ही दिलदार
तू ही मेरा प्यार
तेरा मेरे दिल में हैल दरबार
करदे एक बार बेडा पार
मुझे घर बार लगे बेकार
फिरूं मैं बनके तेरा जोग

धरती के आंगन म
अंबर के दामन म
सूरज की किरणों म
सागर की लहरों म
हर कहीं हरज़ू है तू ही त

सब लोग मनाएँ शोक
कहें ये जोग ह
मेरे मन का कोई रोग
है ये प्रेम आग
तो बेलाग रात क
जागता हूँ म
राह फिरूं म
बनके तेरा जोग

तू यार तू ही दिलदार
तू ही मेरा प्यार
तेरा मेरे दिल
में हैल दरबार
करदे एक बार बेडा पार
मुझे घर बार लगे बेकार
फिरूं मैं बनके तेरा जोग

बनके तेरा जोग
बनके तेरा जोग
बनके तेरा जोग
बनके तेरा जोग
बनके तेरा जोगी ओह यार
हो यार मेरे दिल
में तेरा दरबार

Composição: Jatin-lalit / Javed Akhtar